मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

टूटती नेमतें













टूट कर बिखर जाती हैं अक्सर नेमतें 
वक़्त की शाख से लम्हें झड़ने के बाद !!



सु-मन 








9 comments:

Sangh sheel ने कहा…

बहुत खूबसूरत शेर।
मेरी सोच मेरी मंजिल

दिगम्बर नासवा ने कहा…

लम्हे झड जाने के बाद कुछ भी नहीं बचता ...

Yogi Saraswat ने कहा…

खूबसूरत अशआर

धीरेन्द्र अस्थाना ने कहा…

वक्त के गुजरने के बाद किसी भी नेमत का कोई मूल्य नहीं रहता।

कमल ने कहा…

बहुत सही

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर

Amrita Tanmay ने कहा…

वाह !

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर

Unknown ने कहा…

bahut sundar bhav

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