सोमवार, 5 जनवरी 2015

ईलाज-ए-मर्ज़















ईलाज - ए - मर्ज़ भी होता है वक़्त रहते
ज़हर बन जाती है दवा एक मुद्दत के बाद !!

सु-मन 

11 comments:

संजय भास्‍कर ने कहा…

wahhhh :)

Yogi Saraswat ने कहा…

खूबसूरत अलफ़ाज़

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

जहर बनने के इंतजार में भी होते हैं कुछ लोग
दवा से पूछ्ते हैं उसकी उम्र मुद्दतों तक यूँ ही ।

बहुत सुंदर :)

mohan intzaar ने कहा…

बेहतरीन शेर ...बधाई

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत खूब

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... सच कहा है ... इसलिए ही वक़्त रहते हो जाना जरूरी है हर मर्ज का इलाज ...

Unknown ने कहा…

क्या बात,क्या बात....बहुत खूब....:)

dr.mahendrag ने कहा…

सुन्दर अशआर

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर

Vaanbhatt ने कहा…

medicines come with expiry date...

Sneha Rahul Choudhary ने कहा…

बेहतरीन! अवाक रह गयी मैं तो...

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