गुरुवार, 30 जुलाई 2015

याद का घूँट















बेसबब यूँ आया मोहब्बत का ख़याल
बेख़याली में तेरी याद का घूँट पी बैठे !!


सु-मन 

7 comments:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

रोज ही पीते हैं तेरी याद का एक घूँट
रोज उतर जाता है नशा यादों का :)

बहुत सुंदर !

Karupath ने कहा…

दो खूबसूरत पंक्तियों में बहुत कुछ समा गया है।

Udan Tashtari ने कहा…

वाह!

Yogi Saraswat ने कहा…

दो खूबसूरत पंक्तियों में बहुत कुछ समा गया है। वाह!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मुहब्बत और उनकी यादें जुदा कहाँ हैं एक दूजे से ...

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत सुंदर.

Unknown ने कहा…

बेसबब यूँ आया मोहब्बत का ख़याल
बेख़याली में तेरी याद का घूँट पी बैठे !!

बहुत ख़ूब
http://savanxxx.blogspot.in

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