बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

झुलस रहा मेरा वतन



















झुलस रहा है देखो , हर ओर मेरा वतन 
सेंक रहा चिता कोई , अपने ही हमवतन की !!


सु-मन 

8 comments:

Yogi Saraswat ने कहा…

सही और उपयोगी सन्देश !!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

चिंता करते हो कुछ लेते क्यों नहीं देश प्रेम है ना ।

प्रभात ने कहा…

सही बात कहा है आपने यही स्वार्थ है ...देश प्रेम से बड़ा आजकल खुद का स्वार्थ हो गया है!!

Unknown ने कहा…


हर जगह हर तरफ मौत दिखती है क्यों
ये जिंदगानी का कैसा फ़साना हुआ
आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
मदन मोहन सक्सेना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये देश प्रेम जनता को सोचना होगा किस तरफ जाना है ...

रश्मि शर्मा ने कहा…

बि‍ल्‍कुल सही और सत्‍य

Onkar ने कहा…

सही कहा

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

कैसा अफोससजनक समय है :( सटीक कही

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