tag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post6582925595132780769..comments2024-02-09T14:40:45.134+05:30Comments on अर्पित ‘सुमन’: मन के विचारसु-मन (Suman Kapoor)http://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-20222354781353954092010-10-13T06:51:29.639+05:302010-10-13T06:51:29.639+05:30"न कर बन्दे कोई इच्छा, कब ...तक खुद को छ्लाये..."न कर बन्दे कोई इच्छा, कब ...तक खुद को छ्लायेगा,<br />इक दिन ये मिट्टी का खिलौना, मिट्टी ही हो जाएगा.."<br /><br /><br />सुमन, अगर मनुष्य ने इन पंक्तियों को पहचान लिया तो बार बार इच्छा नहीं करेगा, परन्तु ऐसा नहीं हो सकता ये मैं भी जनता हूँ तुम भी..ये मनुष्य का स्वाभाविक गुण है...एक इच्छा पूरी होने के बाद दूसरी इच्छा खुद-ब-खुद पैदा हो जाती है..Manav Mehta 'मन'https://www.blogger.com/profile/01826811764168414349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-21289473535165719712010-10-12T19:16:55.319+05:302010-10-12T19:16:55.319+05:30bahut sahi aalekhbahut sahi aalekhरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-22086134699028445422010-10-12T12:06:03.450+05:302010-10-12T12:06:03.450+05:30बहुत सही कहा इमरान ने---साक्षी भाव, यही है यही है....बहुत सही कहा इमरान ने---साक्षी भाव, यही है यही है....<br /><br />--जीवन का तो एक ही ध्येय होता है मोक्ष, मानव को तो साधन निश्चित करना होता है, सत्साधन से सभी लक्ष्य स्वतः ही प्राप्त होते हैं। मन को साक्षी भाव से रखकर कर्म ही श्रेष्ठ साधन है। shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-51826236802065748222010-10-12T11:26:18.236+05:302010-10-12T11:26:18.236+05:30सुमन जी आपने मन के द्वंद्व को बहुत अच्छे से व्यक्त...सुमन जी आपने मन के द्वंद्व को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है.! पर जीवन में लक्ष्य का होना ही जीवन का संबल है, गति है.. उत्साह और चाह अगर नहीं होंगे तो जीवन की गति संभव नहीं होगी..! मन के जीते जीत है..मन के हारे हार..!Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-57050846363927456582010-10-11T23:21:01.608+05:302010-10-11T23:21:01.608+05:30सुमन जी, समय और परिस्थितियों के अनुसार लक्ष्य बदल ...सुमन जी, समय और परिस्थितियों के अनुसार लक्ष्य बदल सकते हैं...<br />लेकिन मनोबल नहीं टूटना चाहिए, इरादा नहीं बदलना चाहिए.<br />बहुत अच्छे विचार पढ़ने को मिले, बधाई.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-16872275754707722162010-10-11T13:28:20.632+05:302010-10-11T13:28:20.632+05:30सुमन जी,
शुभकामनाये .......इस सुन्दर लेखन पर, बहु...सुमन जी,<br /><br />शुभकामनाये .......इस सुन्दर लेखन पर, बहुत अच्छा लिखा है | <br />मन तो कभी नहीं ठहरता ...ये मन का स्वभाव ही नहीं है...मन तो द्वैत है .....मन को दबाने से ये और उभरता है.......साक्षी भाव से ही मन पर विजय पाई जा सकती है |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-55801653475450926432010-10-11T12:21:50.767+05:302010-10-11T12:21:50.767+05:30चलने को कोई बात भी चाहिए , काटों की बाड़ में कोई आ...चलने को कोई बात भी चाहिए , काटों की बाड़ में कोई आड़ भी तो चाहिए . <br /> जो आपने लिखा निसंदेह ऐसे बहुत से सवाल उठते हैं ...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-48550858121418043092010-10-11T12:16:07.104+05:302010-10-11T12:16:07.104+05:30चलने को कोई बात भी चाहिए , काटों की बाद में कोई आड...चलने को कोई बात भी चाहिए , काटों की बाद में कोई आड़ भी तो चाहिए .शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-32433260661376549612010-10-11T11:29:54.268+05:302010-10-11T11:29:54.268+05:30लक्ष्य तो निर्धारित करना ही चाहिए...वह पूर्ण हो या...लक्ष्य तो निर्धारित करना ही चाहिए...वह पूर्ण हो या न हो यह अलग बात है...लक्ष्य की पूर्ति न होने पर निराश नहीं होना चाहिए...नए उत्साह के साथ पुनः लक्ष्य की प्राप्ति में जुट जाना चाहिए।...आपके इस छोटे से लेख में कविता की ख़ुशबू भी है।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-57004945223318394642010-10-10T22:28:04.207+05:302010-10-10T22:28:04.207+05:30मन की कश्मोकाश को बहुत साध कर उकेरा है.
अच्छा विश...मन की कश्मोकाश को बहुत साध कर उकेरा है.<br /><br />अच्छा विश्लेषण.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-44427848169279549122010-10-10T19:12:36.272+05:302010-10-10T19:12:36.272+05:30very nicely written...
sach mein satisfaction not ...very nicely written...<br />sach mein satisfaction not human nature....<br />our dreams keep on increasing...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-59744295313719169402010-10-10T17:58:26.625+05:302010-10-10T17:58:26.625+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-62442556594162838072010-10-10T17:52:31.685+05:302010-10-10T17:52:31.685+05:30उत्तम लेखन ...
कृपया इसे पढ़े
http://chorikablog.bl...उत्तम लेखन ...<br />कृपया इसे पढ़े<br />http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_243.htmlबंटी "द मास्टर स्ट्रोक"https://www.blogger.com/profile/07522008663837709458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7923258318830714808.post-48403748474497072612010-10-10T17:19:21.498+05:302010-10-10T17:19:21.498+05:30http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_...http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_2117.htmlबंटी "द मास्टर स्ट्रोक"https://www.blogger.com/profile/07522008663837709458noreply@blogger.com