शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

प्रीत










बीज से पनपता है पौधा
पौधे में फिर पनपे बीज
प्रीत से महकता है जीवन
जीवन में फिर महके प्रीत !!

सु-मन 

14 comments:

vandana gupta ने कहा…

bahut khoob

रश्मि प्रभा... ने कहा…

प्रेम ... और ग्रन्थ सम्पूर्ण ... इस रचना की तरह

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत बढिया
सुंदर

Unknown ने कहा…

बहुत खूब ।

ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ
ब्लॉग जगत में नया "दीप"
ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ

Shalini kaushik ने कहा…

nice expression.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुंदर

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बेहतरीन

सादर

विभूति" ने कहा…

बेजोड़ भावाभियक्ति....

Gyan Darpan ने कहा…

बहुत खूब
Gyan Darpan

Udan Tashtari ने कहा…

bahut khoob kaha!!

Ashish ने कहा…

वाह सुमन जी @ अति सुन्दर...

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…



प्रीत से महकता है जीवन

वाऽह ! क्या बात है !
बेहतरीन !
कमाल की संवेदनशीलता !

शुभकामनाओं सहित…

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत ही बढ़ियाँ...
:-)

Unknown ने कहा…

वैरी नाइस सुमन। आज से आपके बागवां में हम भी शामिल हो गये। अपना कारवां आगे बढाती रहें। शुभकामनायें।

एक टिप्पणी भेजें

www.hamarivani.com
CG Blog www.blogvarta.com blogavli
CG Blog iBlogger