बुधवार, 4 दिसंबर 2013

मधुशाला












जिंदगी  की  मधुशाला  में 
छलकते हैं लम्हों के जाम 
घूँट भरते हैं रात और दिन 
ढलती है उम्र की एक शाम 

ऐ जिंदगी ! तुझे सलाम .....


सु-मन 

13 comments:

vandana gupta ने कहा…

waah bahut khoobsoorat khyaal

Aruna Kapoor ने कहा…

जिंदगी की मधुशाला...बहुत सुन्दर कल्पना!

रविकर ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति-
आभार आदरेया-

Unknown ने कहा…

aap ke vichaar bhuta ache hai.
Vinnie

Ashish ने कहा…

बहुत सुन्दर सुमन जी.....जिंदगी की मधुशाला में यदि जाम प्रेम का हो तो हर लम्हा, अमृत की बूँद होजाए...

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

वाह ! बहुत सुंदर....!
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नई पोस्ट-: चुनाव आया...

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुत खुबसूरत !
नई पोस्ट वो दूल्हा....
latest post कालाबाश फल

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उम्दा ... जिंदगी की मधुशाला में यूं ही जाम छलकते रहें सदा ...

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma ने कहा…

http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ के शुक्रवारीय ६/१२/१३ अंक में आपकी रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकनार्थ पधारे ............धन्यवाद

Aparna Bose ने कहा…

बहुत खूब

Ramakant Singh ने कहा…

PAL PAL BUND BUND GIRATA PANI SACH KO BAYAAN KARATA

रश्मि शर्मा ने कहा…

सलाम....बहुत खूब््

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