बुधवार, 4 दिसंबर 2013

मधुशाला

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जिंदगी  की  मधुशाला  में 
छलकते हैं लम्हों के जाम 
घूँट भरते हैं रात और दिन 
ढलती है उम्र की एक शाम 

ऐ जिंदगी ! तुझे सलाम .....


सु-मन 

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