शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

तुम और मैं -४

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रिश्ते के प्रति प्रतिबद्धता मेरा निर्णय है और निष्कासन तुम्हारी अपनी चाह | सोच अलहदा होकर भी एक सी हैं ..बे-हद और बेलगाम |

हम लाईलाज तमन्नाओं से अभिशप्त हैं !!

सु-मन 
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