वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2014) को "अपनी परेशानी मुझे दे दो" (चर्चा मंच-1499) पर भी होगी! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
17 comments:
सुन रही हूँ बेआवाज सी दस्तकें
दिल धड़कता है
ये तो तुम हो !
मानो हर दर्द को ज़ुबाँ मिल गयी हो...
वाह सुमन !!!
वाह रश्मि जी , क्या बात कह दी !
तुम ही धड़कते हो हर घड़ी मुझमे
तेरी धड़कन को यूँ जिया है मैंने !!
सु..मन
शुक्रिया सरस जी !
आपकी इस पंक्ति से कुछ लिखने का मन हो रहा ,जल्द हो आपको पढ़वाउंगी ।
बहुत सुन्दर ...भावपूर्ण रचना....
:-)
ज़िन्दगी का शोर सिमट रहा है पन्नों पर...बहुत ही उम्दा...
खूबसूरत भाव
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (21-01-2014) को "अपनी परेशानी मुझे दे दो" (चर्चा मंच-1499) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही उम्दा प्रस्तुति...!
RECENT POST -: आप इतना यहाँ पर न इतराइये.
बहुत सुन्दर.
नई पोस्ट : पलाश के फूल
bahut khoob suman ji
panne jindgi kii kitaab ke syaah yunhi ho nahi jaate
vo to dard hain mere jo panno se lipat jaate hain ..poonam
पन्ने कहती जिंदगी की कहानी
बेजुबान है आवाज नहीं करती ...बहुत सुन्दर !
बहुत उम्दा... .... आभार
लाज़वाब...
गागर में सागर
कभी-कभी बहुत कहने के लिये,बहुत कम श्ब्दों की जरूरत होती है,
और कभी तो ----
सुन्दर प्रस्तुति...
आपका मैं अपने ब्लॉग ललित वाणी पर हार्दिक स्वागत करता हूँ मैंने भी एक ब्लॉग बनाया है मैं चाहता हूँ आप मेरा ब्लॉग पर एक बार आकर सुझाव अवश्य दें...
मंगल कामनाएं सु-मन को !!
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