शुक्रवार, 13 जुलाई 2018

मोहलतें






















मैंने ख़यालों में रखी हैं कुछ मोहलतें
तुम आकर रख जाना कुछ वक़्त मेरी ख़ातिर !!



सु-मन 

7 comments:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, समान अधिकार, अनशन, जतिन दास और १३ जुलाई “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (15-07-2018) को "आमन्त्रण स्वीकार करें" (चर्चा अंक-3033) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Onkar ने कहा…

सुन्दर पंक्तियाँ

दिगम्बर नासवा ने कहा…

काश ये वक़्त किसी की जागीर होता दे जाता थोड़ा ...

Jyoti Dehliwal ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति।

Prashant chauhan ने कहा…

उत्कृष्ट

विद्या सरन ने कहा…

Very nice...

एक टिप्पणी भेजें

www.hamarivani.com
CG Blog www.blogvarta.com blogavli
CG Blog iBlogger