वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-06-2018) को "तुलसी अदालत में है " (चर्चा अंक-3017) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
wah bahut badhiya.... बहुत अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर । मैं पिछले 6 साल से लिख रहा हू । पहले भी कई ब्लाग बनाये और फिर बीच मे ब्लाग पर लिखना कम करके अपने लैपटाप पर ही लिखने लगा हू । अब फिर से ब्लाग पर सक्रिय होने जा रहा हू । आपका सहयोग रहेगा तो वापसी अच्छी कर पाऊंगा । मेरे ब्लाग पर आईयेगा,मैं वादा करता हू आपको निराश हो कर नही लौटना पडेगा । ब्लाग की लिंक है :- http://www.chiragkikalam.in/ धन्यवाद ।
4 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-06-2018) को "तुलसी अदालत में है " (चर्चा अंक-3017) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
wah bahut badhiya....
बहुत अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर । मैं पिछले 6 साल से लिख रहा हू । पहले भी कई ब्लाग बनाये और फिर बीच मे ब्लाग पर लिखना कम करके अपने लैपटाप पर ही लिखने लगा हू । अब फिर से ब्लाग पर सक्रिय होने जा रहा हू । आपका सहयोग रहेगा तो वापसी अच्छी कर पाऊंगा ।
मेरे ब्लाग पर आईयेगा,मैं वादा करता हू आपको निराश हो कर नही लौटना पडेगा ।
ब्लाग की लिंक है :- http://www.chiragkikalam.in/
धन्यवाद ।
ख़ामोश ज़ुबाने ख़ुद ही सुन सकते सब बस ...
गहरी बात ..
बहुत सुन्दर
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