वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
रविवार, 26 सितंबर 2010
शनिवार, 11 सितंबर 2010
जीवन के पल
हर गुजरा पल
इक याद छोड़ जाता है ,
उस याद के भरोसे
इक आस छोड़ जाता है ,
आस के बहकावे में
इक सांस छोड़ जाता है ,
सांस की परछाई में
इक घुटन छोड़ जाता है ,
घुटन में जकड़ कर
इक जीवन छोड़ जाता है ,
जीवन को जीने के लिये
इक इंसान छोड़ जाता है !!
सु-मन
इक याद छोड़ जाता है ,
उस याद के भरोसे
इक आस छोड़ जाता है ,
आस के बहकावे में
इक सांस छोड़ जाता है ,
सांस की परछाई में
इक घुटन छोड़ जाता है ,
घुटन में जकड़ कर
इक जीवन छोड़ जाता है ,
जीवन को जीने के लिये
इक इंसान छोड़ जाता है !!
सु-मन
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जिन्दगी
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