रविवार, 26 सितंबर 2010

अनदेखा

10 comments:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

JAGDISH BALI ने कहा…

और किसी के पास होने का एहसास ही हमें तन्हाई में ज़िन्दगी जीने का सबब दे जाता है !

हमारीवाणी ने कहा…

भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.

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हमारीवाणी ने कहा…

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संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अनदेखे का भी एहसास ..सुन्दर अभिव्यक्ति ..

बेनामी ने कहा…

बहुत ही खुबसूरत..............सूफियाना ढंग.......वो कोई हमारे पास नहीं हमारे अन्दर ही है ...........उस विराट का एक अंश मात्र ..........बहुत सुन्दर रचना.......शुभकामनाये|

कभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए-
http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
http://mirzagalibatribute.blogspot.com/
http://khaleelzibran.blogspot.com/
http://qalamkasipahi.blogspot.com/

एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|

ओशो रजनीश ने कहा…

अच्छी पंक्तिया लिखी है ........

जाने काशी के बारे में और अपने विचार दे :-
काशी - हिन्दू तीर्थ या गहरी आस्था....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

किसी के होने का एहसास भी तो कुछ है अपने आप में ....
बहुत अच्छी प्रस्तुति है ... कविता पेश करने का स्टाइल भी खूबसूरत लग रहा है ...

बेनामी ने कहा…

thodi der ho gayi aane mein ab kya karein mere internet ki slow speed ne rok rakha tha,,...
bahut hi sundar rachna....
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मेरे ब्लॉग पर इस बार थोडा सा बरगद..
इसकी छाँव में आप भी पधारें....

M VERMA ने कहा…

एहसास सबसे बड़ी थाती है

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