वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
नख्ले जां को ख़ूं पिलाया उम्र भरशाख़े हस्ती आज भी जाने क्यूं ज़र्द हैआज हर तरफ़ ऐसा मौसम है कि ये हालात बन पड़े हैं।Seehttp://mushayera.blogspot.com/2012/08/gazal.html
वाह!
बहुत खूब
बहुत खूब ... शब्दों का उलटफेर कभी कभी जिंदगी का उलट फेर भी बन जाता है ... कमाल का लिखा है ...
अद्भुत!
बहुत बढ़िया ....
लम्हें से लफ्ज़...कितना कुछ कह गए
वाह बहुत खूब अर्ज किया है .....खामोश रहकर जो खुद को संवारा हमने |जिन्दगी और भी खूबसूरत लगने लगी हमें |
बहुत सुन्दर!नमस्ते जी, शुभसंध्या!
शायद मिल जाये ....तो कहना ख़ामोशी कैसी होती है
बहुत खूब |मेरे ब्लॉग में पधारें और जुड़ें |मेरा काव्य-पिटारा
गहन.....!!!!
awesome:-)
वाह ....
14 comments:
नख्ले जां को ख़ूं पिलाया उम्र भर
शाख़े हस्ती आज भी जाने क्यूं ज़र्द है
आज हर तरफ़ ऐसा मौसम है कि ये हालात बन पड़े हैं।
See
http://mushayera.blogspot.com/2012/08/gazal.html
वाह!
बहुत खूब
बहुत खूब ... शब्दों का उलटफेर कभी कभी जिंदगी का उलट फेर भी बन जाता है ... कमाल का लिखा है ...
अद्भुत!
बहुत बढ़िया ....
लम्हें से लफ्ज़...कितना कुछ कह गए
वाह बहुत खूब अर्ज किया है .....
खामोश रहकर जो खुद को संवारा हमने |
जिन्दगी और भी खूबसूरत लगने लगी हमें |
बहुत सुन्दर!
नमस्ते जी, शुभसंध्या!
शायद मिल जाये ....
तो कहना ख़ामोशी कैसी होती है
बहुत खूब |
मेरे ब्लॉग में पधारें और जुड़ें |
मेरा काव्य-पिटारा
गहन.....!!!!
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वाह ....
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