गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

सरहद















मेरी सोच मेरे अहसास की
सरहद नहीं कोई
लफ़्ज़ों को उड़ान भरने दो
उस छोर तक
शायद कोई हद मिल जाये इनको
और वापिस लौट आएँ
तो.....
बता सकूँ तुम्हें-कि
देखो हद ढूंढ ली है मैंने भी
तुम्हारी तरह
पर....
जब तक वो लौट के ना आएँ
जीने दो मुझको
इस सरहद से अनभिज्ञ
और उड़ने दो
असीमित खयालों के आसमां में
तुम संग तुम्हारे बिना ...!!


सु-मन 

24 comments:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

सरहदे जो कभी पार नहीं होंगी ...एक खूबसूरत सोच बहुत खूब

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

ख़यालों की कोई सरहद नहीं ... भर लो उड़ान .... अच्छी प्रस्तुति

रचना दीक्षित ने कहा…

अहसास और भावनाओं की कोई सीमा और सरहद होनी भी नहीं चाहिये.

सुंदर प्रस्तुति.

Kunwar Kusumesh ने कहा…

सुन्दर रचना है।

Pallavi saxena ने कहा…

पंछी नदिया पवन के झोके कोई सरहद न इन्हे रोके सरहदें इन्सानो के लिए हैं। इस ही गीत के साथ सिर्फ इतना कहना चाहूंगी की अपने मन के ख़्यालों कभी किसी सरहद के मोहताज न होने दे बल्कि उड़ने दे उन्हें असीमत ख्यालों के आसमान में ...

Kailash Sharma ने कहा…

वाह! बहुत गहन अभिव्यक्ति...

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…


जीने दो मुझको
इस सरहद से अनभिज्ञ
और उड़ने दो
असीमित खयालों के आसमां में
तुम संग तुम्हारे बिना ...!!

वाह वाऽऽह सुमन जी !



बेहतरीन !
कमाल की रचना !
क्या बात है !

शुभकामनाओं सहित…

Gyan Darpan ने कहा…

सुन्दर रचना
Gyan Darpan

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी रचना
बहुत सुंदर

विभूति" ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति..

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Shukriya Anju ji :))

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Abhi to udna sikha hai...shbdon ki udaan kitni hogi ..ye dekhna hai..shukriya Sangita ji :)

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Hanji sahi kha aapne..:) shukriya

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Shukriya kunwar ji..

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Pallawi aapne bahut hi sunder gana yaad dila diya... Bahut bahut shukriya :)

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Shukriya Kailash ji

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Aapko pasand aai ..iske liye tahe dil se shukriya

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Shukriya aapka :)

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Dhanyvad mahender ji

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

Shukriya Sushma :)

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूबसूरत सुंदर भाव, सुंदर प्रस्तुति....!!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सोच को सरहद मिल जाएगी तो वो कुंद हो जाएगी ...
उसको खुले गगन में उड़ने देना ही ठीक है ...
गहरे एहसास लिए रचना ...

sanu shukla ने कहा…

bahut behatreeen...!!

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

bahut hi lajabab rachana ....badhai sweekaren suman ji

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