वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
बहुत सुन्दर...
वाह बहुत खूब
sundar aur sargarbhit kavyabadhaai
बहुत सुन्दर सुमन सब कुछ ख़ुदा से मांग लिया तुझको मांगकरउठते नही हैं हाथ मेरे इस दुआ के बाद अज्ञात
ओह, क्या बातबहुत सुंदर
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-08-2013) के चर्चा मंच 1334 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
बहुत सुंदर उम्दा पोस्ट ,,,RECENT POST : जिन्दगी.
तुम अपने दर्द-ओ-गम परेशानी मुझे दे दो...तन्हाई भी...
सब कुछ देने के बाद शेष कुछ?वैसे बेहतरीन एहसास
agar wo b de di to apne liye kya baki rahega,,,
तनहाई ही तो अपनी है । सुंदर ।
बहुत सुंदर ।
तन्हाई को तोड़ने वाले तो अनेकों हैं.
Very well written.Vinnie
सुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई। कभी यहाँ भी पधारें।सादर मदनhttp://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
16 comments:
बहुत सुन्दर...
वाह बहुत खूब
sundar aur sargarbhit kavya
badhaai
बहुत सुन्दर सुमन
सब कुछ ख़ुदा से मांग लिया तुझको मांगकर
उठते नही हैं हाथ मेरे इस दुआ के बाद
अज्ञात
ओह, क्या बात
बहुत सुंदर
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-08-2013) के चर्चा मंच 1334 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
बहुत सुंदर उम्दा पोस्ट ,,,
RECENT POST : जिन्दगी.
तुम अपने दर्द-ओ-गम परेशानी मुझे दे दो...तन्हाई भी...
सब कुछ देने के बाद शेष कुछ?
वैसे बेहतरीन एहसास
agar wo b de di to apne liye kya baki rahega,,,
तनहाई ही तो अपनी है । सुंदर ।
बहुत सुंदर ।
तन्हाई को तोड़ने वाले तो अनेकों हैं.
Very well written.Vinnie
सुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई। कभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
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