वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
गुरुवार, 30 जुलाई 2015
गुरुवार, 16 जुलाई 2015
गुरुवार, 2 जुलाई 2015
सदस्यता लें
संदेश (Atom)