वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
सही और उपयोगी सन्देश !!
चिंता करते हो कुछ लेते क्यों नहीं देश प्रेम है ना ।
सही बात कहा है आपने यही स्वार्थ है ...देश प्रेम से बड़ा आजकल खुद का स्वार्थ हो गया है!!
हर जगह हर तरफ मौत दिखती है क्यों ये जिंदगानी का कैसा फ़साना हुआ आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.मदन मोहन सक्सेना
ये देश प्रेम जनता को सोचना होगा किस तरफ जाना है ...
बिल्कुल सही और सत्य
सही कहा
कैसा अफोससजनक समय है :( सटीक कही
8 comments:
सही और उपयोगी सन्देश !!
चिंता करते हो कुछ लेते क्यों नहीं देश प्रेम है ना ।
सही बात कहा है आपने यही स्वार्थ है ...देश प्रेम से बड़ा आजकल खुद का स्वार्थ हो गया है!!
हर जगह हर तरफ मौत दिखती है क्यों
ये जिंदगानी का कैसा फ़साना हुआ
आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
मदन मोहन सक्सेना
ये देश प्रेम जनता को सोचना होगा किस तरफ जाना है ...
बिल्कुल सही और सत्य
सही कहा
कैसा अफोससजनक समय है :( सटीक कही
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