वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
वाह....: रू-ब-रू
...लाजवाब लिखा है आपने....बहुत सुंदर।
प्रेम की ही गति है ...
3 comments:
वाह....
: रू-ब-रू
...लाजवाब लिखा है आपने....बहुत सुंदर।
प्रेम की ही गति है ...
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