वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
शनिवार, 26 दिसंबर 2015
शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015
शनिवार, 5 दिसंबर 2015
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