आखिरी इबारत
जिंदगी की किताब खोली
देखा !
कितने पन्नें पलट गए
कुछ भरे
कुछ खाली....
कुछ में बैठे हैं शब्द
मेहमां बनकर
और
कुछ में हैं जज्बात
बेजुबान से....
रह गए हैं अब तो
चंद ही पन्ने बाकी
हूँ इतंजार में
कब लिखेगी मौत
मेरी जिंदगी की
आखिरी इबारत...........
सु-मन
35 comments:
बहुत गहरी अभिव्यक्ति..... उदासी के भाव क्यों...?
क्या हुआ जो ये उदासी का आलम है?
भाव गहरे हैं!!
Namaskaar ji..
Dard Dil main hain liye..
Koi chhupaaye aap hain..
Kavita main chhayi udasi...
Dikhti kyon chup-chap hain..
Jo bhi pal hain jindgi ke..
Wo to ham haskar jiyen..
Maut to aani hai ek din..
Phir kyon hum darkar jiyen..
Khush rahen hamesha..
Agli jindgi se bharpoor kavita ki pratiksha main...
Shubhkamnaon sahit...
Deepak Shukla..
Namaskaar ji..
Dard Dil main hain liye..
Koi chhupaaye aap hain..
Kavita main chhayi udasi...
Dikhti kyon chup-chap hain..
Jo bhi pal hain jindgi ke..
Wo to ham haskar jiyen..
Maut to aani hai ek din..
Phir kyon hum darkar jiyen..
Khush rahen hamesha..
Agli jindgi se bharpoor kavita ki pratiksha main...
Shubhkamnaon sahit...
Deepak Shukla..
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें!
अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें!
अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
इतनी मायूसी अच्छी नहीं .........
सार्थक रचना....
आपको जन्म दिन की सादर बधाई......
कविश्रेष्ठ बच्चन जी की पंक्तिया जाने क्यूँ झिलमिला रही हैं...
“जिन बातों पर अधिकार नहीं
उन बातों पर चर्चा कर के
अब तक जग ने क्या पाया है
जो कर चर्चा मैं पाउँगा...”
सादर...
woh....gahri sambedna.....par nirash ke bhaw kun....intjar kya karna....jab aani hai aa jaegiiii
bahut hi bhavpoorna kavita....sadar
हूँ इतंजार में
कब लिखेगी मौत
मेरी जिंदगी की
आखिरी इबारत...........बहुत ही संवेदनशील रचना.....
sach me bada hi gharha bhav hia ji
sach me bada hi gharha bhav hai ji ....
bahut hi khoobsurat ,bhaav alfaaz ....
Dar asal uska intzaar nahi kiya ja sakta, maut ko maza aata hai... achanak-pan me... aap uske baare me kuchh bhi rai rakho... wo utni hi ajnabi hoti hai..jitni hai..hum uski shakl badal saktay hain...roj u-say ji kar...
बेहतरीन भाव है मगर ऐसा ना कहे आज के दिन्………आप को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें्…………
अभी तो बहुत सी इबारतें लिखनी बाकी हैं।
आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो।
सादर
achchhe shabd...
आखरी इबारत अमरता लिख जाती है... सुन्दरता से व्यतीत किये हुए जीवन पर!
CELEBRATE LIFE!!!
आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं:)
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* आदरणीया सुमन'मीत'जी*
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !
हार्दिक बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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Suman ji...
Janm divas le kar ke aaye..
Man main nav utsaah..
Sabhi swapn pure ho tere..
Hum sabki ye chaah..
Hardik shubhkamnayen sweekar karen..
Deepak Shukla..
वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
कल 30/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, थी - हूँ - रहूंगी ....
abhi is aakhiri ibaarat kee zarurat nahi... behtareen rachna
vrshon beet jate hain is kitab ko bharte bharte...aur aaj tak apna koi aakhri panna, aakhri ibarat nahi likh paya.
sunder abhivyakti.
मेरी ज़िन्दगी ने तो मौत से दोस्ती कर ली,
अब मौत की खुशी की खातिर मौत ही सही !!
शब्दों की ख़ूबसूरत रचना है, अभिव्यक्ति ही एक रास्ता है
जो भी पन्ने हैं उस पर चिरस्मरणीय इबारत लिखी जानी चाहिए।
Happy Birth Day To You....
chhoti par bhaaw se paripurn..!
बेहतरीन रचना...ऐसी रचनाये दिल से सबसे नाजुक हिस्से से ही निकल सकती है जहा दर्द का बसेरा हो.....
बहुत गहरे भाव दर्शाती उत्तम रचना,...
मेरे नए पोस्ट "प्रतिस्पर्धा"में आपका इंतजार है,...
चिंतनपरक लेखन.
आखिरी इबारत की बात ठीक नहीं .We have to be optimistic always.
मै पहली बार यहां आया हूं, वाकई बहुत सुंदर रचना है।
अब नियमित रहने की कोशिश होगी। बहुत बढिया...
नहीं...नहीं...ऐसा मत कहो!
प्रिय सुमन जी , उन बचे हुए पन्नों को, बेज़बान जज्बातों को शब्द देकर भर दीजिये !
गहन भाव लिए
संवेदनशील रचना....
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