वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
सुनो ! आज दावत दी है मैंने ख़्वाबों को तुम्हारी आखों में आने के लिए आज मत करना इन्तजार मेरे आने का बस पलकें मूँदना और महसूस करना मेरे अहसास को ख्वाबों के गुलशन में अहसास का आशियाँ बनाएंगे सुना है ... कुछ ख्वाब पूरे हो जाया करते हैं ......!!
25 comments:
कुछ ख्वाब पूरे हो जाया करते हैं
पर.....
शायद ख्वाब में ही
सब सम्भव है
गजब आदरेया-
बहुत बहुत बधाई इस कथ्य पर -
वाह वाह क्या बात है, कुछ सपने रंगीन ।
देखेंगे ये नयन भी, होकर के लवलीन ।
होकर के लवलीन, सखी पर बात बताना ।
इतना बढ़िया कथ्य, शिल्प सुन्दर कह जाना ।
आया कैसे भाव, अभी तो सु-प्रभात है ।
इन्तजार आनंद, बड़ी ही मधुर बात है । ।
सुन्दर रचना!
कल रविवार के चर्चामंच पर भी इस पोस्ट को लिंक किया है।
bhaut hi accha likha h aapne
ख्वाब पूरे हों...ये मेरी दुआ है..सुंदर रचना
वाह सुमन जी
बहुत ही बढ़िया
सादर
बेहतरीन!!
अति सुंदर!
बहुत बढ़िया....ख्वाबों की दुनिया होती ही निराली है जिसमें हर वो चीज़ संभव है जो हकीकत की दुनिया में ख़्वाब सी नज़र आती है।
This one deserves an applause!!!
खूबसूरत नज़्म
बहुत खूब कही है.
नीरज'नीर'
कव्य्सुधा
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति.
ख्वाबों का गुलशन और अहसासों का आशियाँ...
सुंदर भाव से रची बसी कविता.
सुंदर ख्वाब ,ख्वाब जरुर देखें
गुज़ारिश : ''...सपने...???''
सुन्दर रचना सुंदर ख्वाब
..बहुत ही सुन्दर कल्पना की प्रस्तुति!
बहुत ख़ूब
बहुत खूब
aapke har khabab pure hon...
bahut behtareen...
बहुत खूबसूरत ...
कुछ ख्वाब पूरे हो जाया करते हैं ... काश ये ख्वाब भी पूरा हो ...
Shukriya ravi ji..
Dhanyvaad shastri ji..
Sabhi dosto ka dil se aabhar..
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