शनिवार, 2 मार्च 2013

एहसास
















तेरे एहसास को मैं भर लूँ बाहों में सनम 
फिज़ा में फैली है आज खुशबू तेरे प्यार की ..!! 



सु-मन 

17 comments:

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही सुन्दर एहसास.

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

so sweet :-)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत उम्दा अशआर!

रचना दीक्षित ने कहा…

इश्क और मुस्क छिपाए नहीं छुपते चाहें लाख छुपाना चाहें. सुंदर अहसास.

रविकर ने कहा…

गजब -
दो बड़ी भारी पंक्तियाँ-
शुभकामनायें आदरेया-

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... क्या बात है ... हवाओं से उनको कैद कर लेना ...

सदा ने कहा…

वाह ... बहुत खूब ।

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत खूब सुन्दर लाजबाब अभिव्यक्ति।।।।।।

मेरी नई रचना
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?

ये कैसी मोहब्बत है

Unknown ने कहा…

खूबसूरत अहसास की पंक्तियाँ.

Pallavi saxena ने कहा…

है तो बहुत खूबसूरत एहसास मगर काश किसी के प्यार के एहसास को महज़ फिज़ाओं कि महक के माध्यम से बाहों में भरा जा सकता तो क्या बात होती ....:)

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया..

Unknown ने कहा…

वाह .....शुभकामनाएं
कृपया एक नजर इधर भी डालें .मेरे ब्लॉग (स्याही के बूटे) पर ..आपका स्वागत है
http://shikhagupta83.blogspot.in/

HARSHVARDHAN ने कहा…

सुन्दर रचना। :)

नये लेख :- समाचार : दो सौ साल पुरानी किताब और मनहूस आईना।
एक नया ब्लॉग एग्रीगेटर (संकलक) : ब्लॉगवार्ता।

Madan Mohan Saxena ने कहा…


बहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
http://madan-saxena.blogspot.in/
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http://mmsaxena69.blogspot.in/

Saras ने कहा…

बहुत खूब... !!!

राहुल ने कहा…

कम शब्दों में हद से बेहद ....

प्रियंका.... ने कहा…

गागर में सागर ....सुन्दर

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