वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
nice. अवसाद या लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव मस्तिष्क को सिकोड़ देता है। http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%96-%E0%A4%A6-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A4%B0-%E0%A4%B8-%E0%A4%B0%E0%A4%96-%E0%A4%AF-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8-%E0%A4%AB-%E0%A4%B0-%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%A6-%E0%A4%95-%E0%A4%9C-%E0%A4%AF-%E0%A4%A1-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0-%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%AD-%E0%A4%97-%E0%A4%9C-%E0%A4%AF-%E0%A4%971
10 comments:
सब गिले शिकवों को
मांज कर
परोस दिया है प्यार
विश्वास की मेज़ पर...वाह एक अलग मगर सुन्दर अंदाज़। दिल को छू लिया सुमन :)
nice. अवसाद या लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव मस्तिष्क को सिकोड़ देता है।
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%96-%E0%A4%A6-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A4%B0-%E0%A4%B8-%E0%A4%B0%E0%A4%96-%E0%A4%AF-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8-%E0%A4%AB-%E0%A4%B0-%E0%A4%9C-%E0%A4%85%E0%A4%A6-%E0%A4%95-%E0%A4%9C-%E0%A4%AF-%E0%A4%A1-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0-%E0%A4%B6%E0%A4%A8-%E0%A4%AD-%E0%A4%97-%E0%A4%9C-%E0%A4%AF-%E0%A4%971
बहुत सुन्दर...
बिल्कुल अलग तरह की कविता
भाई मजा आ गया बहुत सुन्दर भाव
भ्रमर ५
वाह,,,जल्द आयें कि बासी न हो जायका!!
Nice Poem Ma"m :)
सब गिले शिकवों को
मांज कर
परोस दिया है प्यार
विश्वास की मेज़ पर...वाह एक अलग मगर सुन्दर अंदाज़। दिल की गहराइयों से निकले शब्द ! बहुत सुन्दर सुमन जी
अच्छे बिम्ब ! बेहतर कविता !
वाह क्या मजेदार व्यंजन बनाया है विश्वास रखे
इंतजार का जायका बासी नहीं होगा ! मस्त है !
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