वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
वाह ! बहुत खूब !
खामोशी को खामोशी से फैवीकल से जैसे जोड़ जाती हैं :)
वह क्या बात है ... हर हद तोड़ जाती हैं खामोशियाँ ...
क्या खूब ........मुझे थोड़ा बहुत ही समझ आया ......परन्तु जो भी समझ आया ...अच्छा लगा!
क्या बात है ! बहुत खूब
वाह..बहुत सुन्दर
6 comments:
वाह ! बहुत खूब !
खामोशी को खामोशी से
फैवीकल से जैसे
जोड़ जाती हैं
:)
वह क्या बात है ... हर हद तोड़ जाती हैं खामोशियाँ ...
क्या खूब ........मुझे थोड़ा बहुत ही समझ आया ......परन्तु जो भी समझ आया ...अच्छा लगा!
क्या बात है ! बहुत खूब
वाह..बहुत सुन्दर
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