वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
अति सुन्दर! अद्भुत भाव!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20-10-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2501 में दिया जाएगाधन्यवाद
शुक्रिया मोहिनी जी
शुक्रिया दिलबाग जी
बढ़िया
5 comments:
अति सुन्दर! अद्भुत भाव!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20-10-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2501 में दिया जाएगा
धन्यवाद
शुक्रिया मोहिनी जी
शुक्रिया दिलबाग जी
बढ़िया
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