वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31-08-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2713 में दिया जाएगा धन्यवाद
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31-08-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2713 में दिया जाएगा
धन्यवाद
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