वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
सार्थक प्रस्तुति। -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (01-02-2015) को "जिन्दगी की जंग में" (चर्चा-1876) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ... सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
10 comments:
सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (01-02-2015) को "जिन्दगी की जंग में" (चर्चा-1876) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Waaah
वाह ... उनकी यादें और तन्हाई ... बहुत उम्दा ख्याल ...
सुन्दर रचना...
Your writings are sweet..
As always Crisp and Beautiful
Now, I have nominated you for the versatile blogger Award
https://www.indiblogger.in/indipost.php?post=438166
Pls check and enjoy.
Adi.
सुन्दर प्रस्तुति
बहुत अच्छा लिखती हैं आप आदरणीया......हार्दिक बधाई...
एक मदद भी कीजिये...कृपया बताएं की ये मेनूबार कैसे बनता है... :)
बहुत सुन्दर रचना
सुन्दर शब्द रचना....
http://savanxxx.blogspot.in
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