वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
बहुत खूब!
waah
बहुत खूब ...
काश गर हम आईने होते ।हमारी सूरत मे देखती 'नारीयॉ अपनी मूरत'हम खीचते सुंदर सूरतो का अक्स ।हम एसे नक्शा नफीज होते ।काश गर---------------
खुद से खुद की पहचान भी आइना करवा देता है ...
5 comments:
बहुत खूब!
waah
बहुत खूब ...
काश गर हम आईने होते ।
हमारी सूरत मे देखती 'नारीयॉ अपनी मूरत'
हम खीचते सुंदर सूरतो का अक्स ।
हम एसे नक्शा नफीज होते ।काश गर---------------
खुद से खुद की पहचान भी आइना करवा देता है ...
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