वजूद की तलाश में .. अतीत की कलियां जब मुखर उठती हैं .. खिलता है ‘सुमन’ वर्तमान के आगोश में कुछ पल .. दम तोड़ देती हैं पंखुड़ियां .. भविष्य के गर्भ में .. !!
बेहतरीन शायरी।
वाह।
बहुत ख़ूब...👏👏👏
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-06-2021को चर्चा – 4,105 में दिया गया है।आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।धन्यवाद सहित दिलबागसिंह विर्क
बहुत सुंदर
वाह!!!
या फिर अधमुँदी पलकों में जागा हुआ सा ख़्याल है
बहुत खूब।
उम्दा शेर ।वाह!!
वाह 👌
बहुत ही सुंदर
Nice
बहुत ख़ूब!
14 comments:
बेहतरीन शायरी।
वाह।
बहुत ख़ूब...👏👏👏
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-06-2021को चर्चा – 4,105 में दिया गया है।
आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क
बहुत सुंदर
वाह!!!
या फिर अधमुँदी पलकों में जागा हुआ सा ख़्याल है
बहुत खूब।
उम्दा शेर ।
वाह!!
वाह 👌
बहुत ही सुंदर
Nice
बहुत ख़ूब!
Nice
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