बुधवार, 23 जून 2021

मदहोशी का आलम



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.....हमसे मत पूछो मदहोशी का आलम 
अधजगी सी आँखों में सोया सा ख़याल है !!


सु-मन 

14 comments:

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

बेहतरीन शायरी।

amit kumar srivastava ने कहा…

वाह।

Vaanbhatt ने कहा…

बहुत ख़ूब...👏👏👏

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-06-2021को चर्चा – 4,105 में दिया गया है।
आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क

MANOJ KAYAL ने कहा…

बहुत सुंदर

Sudha Devrani ने कहा…

वाह!!!

Anita ने कहा…

या फिर अधमुँदी पलकों में जागा हुआ सा ख़्याल है

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत खूब।

मन की वीणा ने कहा…

उम्दा शेर ।
वाह!!

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

वाह 👌

Onkar ने कहा…

बहुत ही सुंदर

Sonu kumar ने कहा…

Nice

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

बहुत ख़ूब!

New Games ने कहा…

Nice

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