जानती हूँ तुम नहीं हो ..
ख़ामोशी तुम तक पहुँचने का मेरा पसंदीदा एकमात्र विकल्प है !!
सु-मन
रिश्ते के प्रति प्रतिबद्धता मेरा निर्णय है और निष्कासन तुम्हारी अपनी चाह | सोच अलहदा होकर भी एक सी हैं ..बे-हद और बेलगाम |
हम लाईलाज तमन्नाओं से अभिशप्त हैं !!
सु-मन
मेरे पास हज़ारों ख़्वाहिशें हैं तुम तक पहुँचने की और और तुम्हारे पास बहुत सारे गिले जुदा होने के |
चलो हिसाब बराबर हुआ ..गिला ख़्वाहिशों की नमी तले आबाद रहे !!
सु-मन
एक दिया रौशन कर देता है जिन्दगी
हौसले की लौ को जब जलाता है वो !!
सु-मन
दीप पर्व मुबारक !!
मेरी धड़कन मेरे होने का प्रमाण है और तुम धड़कन की गति |
प्रमाणित है कि जिंदगी चल रही है !!
सु-मन
तुम बन जाना मेरी अंतिम साँस .......मैं तुम संग मृत्यु जी लूँगी !!
सु-मन
चल उम्मीद के तकिये पर
सर रख कर सोयें
ख़्वाबों में बोयें
कुछ जिन्दगी
क्या मालूम सुबह जब
आँख खुले
हर उम्मीद हो जाये हरी भरी !!
सु-मन
मेरे दर्द की खबर भी नहीं हुई जमाने को
दर्द मुझको और मैं दर्द को यूँ जीता रहा !!
सु-मन
बाँध लेते हैं हम
कलाई में अपनी
कुछ हिफाज़तें
जीने की खातिर
मिल ही जाती है
कुछ इस तरह
हमारी चाहों को
आस भरी तसल्लियाँ !!
सु-मन
जब कभी
....मैं
नहीं कह पाती
....तुमसे
अपने मन की बात
मुठ्ठी भर ख़ामोशी
भेज देती हूँ तुम्हें
ख़ामोशी भी बोलती है
सुन सको तो सुनना !!
सु-मन
अलसुबह , पलकों पर
एक ख़्वाब ने दम तोड़ दिया ..
रात तलक , ख़याल
ज़नाजे से उसके फूल चुनते रहे !!
सु-मन
झुलस रहा है देखो , हर ओर मेरा वतन
सेंक रहा चिता कोई , अपने ही हमवतन की !!
सु-मन
बुलबुलों से ख़्वाबों को दे दूँ पल भर की उड़ान
जीने दूँ उनको,उनके हिस्से की कुछ जिन्दगी !!
सु-मन